1. पहली समस्या
पहली समस्या यह है की GST में क्यों एक-एक बिल की डिटेल्स मांग रहे है ????
ये मात्र व्यापारियों को परेशान करने का षड्यंत्र है !!!
पहले भी VAT के रिटर्न में भी सेल-परचेस की डिटेल डालते थे,वो महीने वाइज, क्या वही तरीका इस GST में नहीं हो सकता था ????
और क्यों सेल्स /सप्लाई की डिटेल डालने के बाद मात्र पांच दिन ही मिलते है परचेस की डिटेल्स मिलाने के लिए !!
ये नियम किसी भी तरह से सही नहीं है ||
2. दूसरी समस्या
छोटा व्यापारी जो अभी GST में रजिस्ट्रेशन की योग्यता नहीं रखता और वह करवाना भी नहीं चाहता तो वे कैसे रजिस्टर्ड डीलर को सामान बेचेगा ||
सरकार छोटे व्यापार को ख़त्म कर बड़े व्यापरियों की मदद कर रही है |
सरकार चाहती है लोग नौकरी की जगह स्वरोजगार का प्रयास करे पर ये GST उन सभी लोगो को स्वरोजगार की सोच को और दूर करेगा |
3. तीसरी समस्या
आजकल हर किसी न किसी राज्य के किसी ज़िले में इंटरनेट की सेवा रोक दी जाती है, उदाहरण के लिए कश्मीर को लेते है यह बेशक अभी GST लागु नहीं पर सुनने में आ रहा है जल्द ही वहा भी GST लागु हो जायेगा |
अगर वहा इंटरनेट की सेवा सरकार द्वारा रोक दी जाती है तो वे रिटर्न कैसे भरेगा, क्युकी वहा तो उस समय कर्फु भी लगा होता है तो वे कैसे वहा से निकल कर वहा जाय जहा इंटरनेट की सेवा सुचारु रूप से चल रही हो ||
ये सिर्फ कश्मीर की बात नहीं, क्युकी आजकल माहौल को ख़राब करने के लिए सोशल मीडिया को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, और वहा की सरकार भी माहौल को ठीक करने के लिए सबसे पहले वह इंटरनेट सेवा को ही रोकती है |
सुझाव
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क्यों न वे ऐसा सिस्टम रखते जिससे वे अपना माल बड़े या रेजिस्ट्रेड व्यापारी को अपने पैन नंबर के आधार पर बेच सके और सरकार उनपर पैन नंबर की मदद से निगरानी रखे और जैसे ही उसका कारोबार सीमा से आगे जाता हे तो उसे रजिस्ट्रेशन के लिए सुचना भेजता ||
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क्यों न सरकार एक ऐसा तरीका निकाले जिससे रिटर्न बिना इंटरनेट के भरा जा सके | हमे ध्यान होना चाहिए की अभी भी सरकार TDS/TCS की रिटर्न बिना इंटरनेट के भरा जाता है मात्र रिटर्न की फाइल को नॉमिनल फीस के साथ नजदीकी NSDL सेंटर पर जमा करना होता है | और एक बात और NSDL जो सरकार की ही संस्था है वे टैक्सपेयर के लिए निशुल्क सॉफ्टवेयर भी देती है ||फिर क्यों नहीं ऐसा ही निशुल्क सॉफ्टवेयर टैक्सपेयर को उपलब्ध कराय, और साथ ही उसे कैसे इस्तेमाल करते है उसका भी डेमो देना चाहिए ||
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में फिर से यही कहना चाहता हूँ की GST की सेल-परचेस की डिटेल्स के साथ अगर GST की लायबिलिटी बनती है तो पेमेंट 3 महीने में और रिटर्न को 6 महीने में होना चाहिए था ||
by : @karunsah
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